RADHEY KRISHNA WORLD 9891158197 मैया, मैं तौ चंद-खिलौना लैहौं। लाला ने देखा कि बहुत देर से मैया दही बिलो रही है तो उठकर आये, रात्रि को सोते समय मैया कृष्ण की आँखों में काजल लगाती है तो सबेरे उठते ही कन्हैया दोनों हाथ से आँखें मलकर आये तो जगन्नाथ भगवान् की सी गोल-गोल आँखें बन गयी, वो काजल आधे गाल पर फैल जाता, घुटमन-घुटमन चलकर आये, मटकी को पकड़कर खड़े हो गये। मैया बोली- ओहो ! आ गये तुम, कन्हैया ने कही- मैया, बड़ी जोर की भूख लग रही है, माखन दे दो, मैया बोली- माखन तो अबहीं निकरयो नांय, पहले हाथ मुँह धो, ज्यादा भूख लगी है तो रात्रि को माखन वा मटकी में धरयो है, नेक मिश्री मिलायकें खायले, ना मैया, मैं तो ताजौ माखन लुँगौ, याही मटकी में से लुँगो और अबही लुँगो, मचल गये। मैया बोली- लाला तू मोय तंग करै, तो मौकूं अच्छौ नाय लगै, तू बड़ो ऊधम मचावै, अबही निकरयो ही नाय तो माखन, बोले, ना मै तो ताजौ ही लूंगो, मैया ने सोचा, भूख-वूख तो इसे लगी नहीं है, बच्चों को तो जो बात मन में आ जाय बस वही चाहिये, मैया ने लाला कौ गोदी में लै लियौ और बोली, देखियो ये ऊपर क्या है ? कन्हैया बोले, क्या है ?
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