मासिक शिवरात्रि व्रत कथा, पूजा विधि
राधे कृष्णा वर्ल्ड मासिक शिवरात्रि व्रत कथा, पूजा विधि प्रत्येक माह की कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है। मान्यता हैं की फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मध्य रात्रि में भगवान शिव “लिंग” के रूप में प्रकट हुए थे और शिवलिंग की पहली बार पूजा अर्चना भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा सम्पन्न हुई थी। इसलिए फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महा शिवरात्रि मनाई जाती है जबकि अन्य सभी कृष्ण चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत करने से हर मुश्किल कार्य आसानी से हो जाता है। इस दिन जो भी कन्याएं मनोवांछित वर पाना चाहती हैं या जिनके विवाह में किसी भी प्रकार की रुकावटें आ रही हैं, वह अगर यह मासिक शिवरात्रि का व्रत करें तो उनकी हर समस्या दूर हो जाती है। शिवपुराण में कहा गया है की इस दिन जो भी सच्चे मन से व्रत करता है उसकी हर इच्छा पूरी हो जाती हैं| मासिक शिवरात्रि व्रत कथा एक बार एक गाँव में एक शिकारी रहता था। पशुओं की हत्या करके वह अपने कुटुम्ब को पालता था। वह एक साहूकार का ऋणी था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधवश साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना