मीरा चरित (17),राधेकृष्णावर्ल्ड 9891158197

राधेकृष्णावर्ल्ड 9891158197 

मीरा चरित (17)



क्रमशः से आगे............

बड़े पिताजी और बड़ी माँ के यूँ मीरा से सीधे सीधे ही मेवाड़ के राजकुवंर भोजराज से विवाह के प्रस्ताव पर मीरा का ह्रदय विवशता से क्रन्दन कर उठा ।वह शीघ्रता पूर्वक कक्ष से बाहर आ सीढ़ियाँ उतरती चली गई ।वह नहीं चाहती थी कि कोई भी उसकी आँखों में आँसू भी देखे ।जिसने उसे दौड़ते हुए देखा , चकित रह गया , ब्लकि पुकारा भी ,पर मीरा ने किसी की बात का उत्तर नहीं दिया ।

              मीरा अपने ह्रदय के भावों को बाँधे अपने कक्ष में गई और धम्म से पलंग पर औंधी गिर पड़ी ।ह्रदय का बाँध तोड़ कर रूदन उमड़ पड़ा -" यह क्या हो रहा है मेरे सर्वसमर्थ स्वामी ! अपनी पत्नी को दूसरे के घर देने अथवा जाने की बात तो साधारण- से-साधारण , कायर-से- कायर राजपूत भी नहीं कर सकता ।शायद तुमने मुझे अपनी पत्नी स्वीकार ही नहीं किया , अन्यथा ...................  ।  हे गिरिधर ! यदि तुम अल्पशक्ति होते तो मैं तुम्हें दोष नहीं देती ।तब तो यही सत्य है  न कि तुमने मुझे अपना माना ही नहीं ........  ।न किया हो, स्वतन्त्र हो तुम ।किसी का बन्धन तो नहीं है तुम पर ।"

            " हे प्राणनाथ ! पर मैंने तो तुम्हें अपना पति माना है........ मैं कैसे अब दूसरा पति वर लूँ ? और कुछ न सही ,शरणागत के सम्बन्ध से ही रक्षा करो........ रक्षा करो ।अरे ऐसा तो निर्बल -से - निर्बल राजपूत भी नहीं होने देता ।यदि कोई सुन भी लेता है कि अमुक कुमारी ने उसे वरण किया है तो प्राणप्रण से वह उसे बचाने का , अपने यही लाने का प्रयत्न करता है ।तुम्हारी शक्ति तो अनन्त है, तुम तो भक्त -भयहारी हो । हे प्रभु ! तुम तो करूणावरूणालय हो, शरणागतवत्सल हो, पतितपावन हो, दीनबन्धु हो.............. कहाँ तक गिनाऊँ............... ।इतनी अनीति मत करो मोहन .......मत करो ।मेरे तो तुम्हीं एकमात्र आश्रय हो.. रक्षक हो.......तुम्हीं सर्वस्व हो, मैं अपनी रक्षा के लिये तुम्हें छोड़ किसे पुकारूँ......किसे पुकारूँ......किसे .....?

  जो तुम तोड़ो पिया ,मैं नहीं तोड़ू
    तोसों प्रीत तोड़ कृष्ण ,कौन संग जोड़ू॥

   तुम भये तरूवर, मैं भई पंखिया
     तुम भये सरोवर, मैं तेरी मछिया
     तुम भये गिरिवर, मैं भई चारा
     तुम भये चन्दा, मैं भई चकोरा ।

    तुम भये मोती प्रभु हम भये धागा
      तुम भये सोना हम भये सुहागा
       मीरा कहे प्रभु बृज के वासी
       तुम मेरे ठाकुर मुझे तेरी दासी ।
    जो तुम तोड़ो पिया , मैं नहीं तोड़ू ।
    तोसो प्रीत तोड़ कृष्ण ,कौन संग जोड़ू ॥

क्रमशः ........
अगर आपको भक्ति स्टेटस पसंद है तो आप हमारे youtube चैनल को सब्सक्राइब जरूर करे, जिससे आपको बहुत प्यारे स्टेटस मिल सके ।
Youtube लिंक-
 https://bit.ly/2XVIF0R

श्याम प्रेमी -
यामिनी मारवाह
रचना खेरा
पूजा बजाज 
शिल्पी सोनी 
Srbhshrm

Comments

Popular posts from this blog

श्री राधा नाम की महिमा

Maiya me to Chandra khilona lehon BHAKTI STORY ,radhey krishna world

भगवान की परिभाषा क्या है, भगवान किसे कहते है?