आध्यात्म एवं भक्ति में अंतर क्या है? RADHEY KRISHNA WORLD RELIGIOUS STORY
RADHEY KRISHNA WORLD 9891158197 आध्यात्म एवं भक्ति में अंतर क्या है? * ग्यानहि भगतिहि अंतर केता। सकल कहहु प्रभु कृपा निकेता॥ सुनि उरगारि बचन सुख माना। सादर बोलेउ काग सुजाना॥ भावार्थ:-हे कृपा के धाम! हे प्रभो! ज्ञान और भक्ति में कितना अंतर है? यह सब मुझसे कहिए। गरुड़जी के वचन सुनकर सुजान काकभुशुण्डिजी ने सुख माना और आदर के साथ कहा-॥ * भगतिहि ग्यानहि नहिं कछु भेदा। उभय हरहिं भव संभव खेदा॥ नाथ मुनीस कहहिं कछु अंतर। सावधान सोउ सुनु बिहंगबर॥ भावार्थ:-भक्ति और ज्ञान में कुछ भी भेद नहीं है। दोनों ही संसार से उत्पन्न क्लेशों को हर लेते हैं। हे नाथ! मुनीश्वर इनमें कुछ अंतर बतलाते हैं। हे पक्षीश्रेष्ठ! उसे सावधान होकर सुनिए॥ आध्यात्म ज्ञानमार्ग की परिणति है और भक्ति प्रेममार्ग की, भक्तिमार्ग प्रेरित करता है विश्वास के लिये और ज्ञानमार्ग प्रेरित करता है खोज के लिये, प्रेममार्ग कहता है प्रश्न मत करो, मान लो, ज्ञानमार्ग कहता है, प्रश्न करो, तब जानोगे। ज्ञानमार्गियों के मन में बड़ा उथल पुथल रहता है, ईश्वर उन्हें व्यथित करता है, प्रश्न करता है, परन्तु भक्तिमार्गियों के लिए यह दुवि...
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